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विगत् दशक में (वर्ष 1992-93 वर्ष 2002-03) विशेष रूप से कमजोर जनजातियों की साक्षारता में उल्लेखनीय वृध्दि हुई है। वर्तमान में प्रत्येक 25 विद्यार्थियों (विशेष रूप से कमजोर जनजातियों) के लिये एक आवासीय शैक्षणिक संस्था उपलब्ध है। जिसका परिणाम यह है कि विशेष पिछड़ी जनजाति क्षेत्रों में साक्षरता दर में उल्लेखनीय वृध्दि हुई है। जिसका विवरण निम्नानुसार है:-
क्रमांक | विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह | साक्षरता प्रतिशत वर्ष 1992-93 | साक्षरता प्रतिशत वर्ष 2002-03 |
---|---|---|---|
1 | कमार | 8.82% | 32.76% |
2 | अबूझमाड़िया | 2.28% | 24.24% |
3 | पहाड़ी कोरबा | 15.55% | 43.58% |
4 | बैगा | 7.77% | 19.81% |
5 | बिरहोर | 1.81% | 11.58% |
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