आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशि‍क्षण संस्थान

भारत सरकार के प्रथम पंचवर्षीय योजना निर्माण के समय अनुसूचित जनजातियों, अनुसूचित जातियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति, रीति-रिवाज, रहन-सहन तथा अन्य सांस्कृतिक व अनुसंधानिक तथ्यों के अभाव में इन वर्गों के विकास हेतु योजना निर्माण में कठिनाईयों के फलस्वरूप भारत सरकार द्वारा वर्ष 1954 में अविभाजित मध्यप्रदेश, उड़ीसा, बिहार एवं पश्चिम बंगाल राज्य सरकारों को केन्द्र प्रवर्तित योजनान्तर्गत आदिमजाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करने के निर्देश दिये थे।
 राज्य में आदिवासियों की जनसंख्या के दृष्टिगत भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय की अनुशंसा अनुरूप राज्य शासन द्वारा केन्द्र प्रवर्तित योजनान्तर्गत देश की 15 वें आदिमजाति अनुसंधान संस्थान की स्थापना 02.09.2004 को राज्य में की गई। 
आदिमजाति अनुसंधान संस्थान के प्रमुख कार्य निम्नांकित है:-

  • अनुसूचित जनजातियों संबंधी आधारभूत सामाजिक-आर्थिक एवं सांस्कृतिक अध्ययन एवं सर्वेक्षण करना।
  • अनुसूचित जनजातियों में व्याप्त समस्याओं का अध्ययन कर इनके निराकरण हेतु शासन को सुझाव देना।
  • आदिवासी संस्कृति का संरक्षण।
  • अनुसूचित जनजातियों के विकास हेतु शासन द्वारा संचालित योजनाओं का मूल्यांकन करना।
  • अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करने संबंधी प्राप्त अभ्यावेदनों के संदर्भ में जातियों का इथनोलाजिकल, एन्थ्रोपोलाॅजिकल परीक्षण कर शासन को अभिमत देना।
  • अनुसूचित जनजातियों की समस्याओं के निराकरण हेतु देश के प्रमुख विषय-विशेषज्ञों को आमंत्रित कर राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला एवं संगोष्ठियों का आयोजन करना।
  • आदिवासी हितों के संरक्षण हेतु बनाये गये विभिन्न अधिनियमों तथा जनजातीय विकास से संबंधित कार्यक्रमों की जानकारी देने  हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करना आदि।

गतिविधियों एवं उपलब्धि का विवरण निम्नानुसार है:-

क्रमांक गतिविधियाँ उपलब्धि
1 अनुसूचित जनजातियों के सामाजिक, आर्थिक सर्वेक्षण। विशेष पिछड़ी जनजाति बिरहोर, का सर्वेक्षण कार्य पूर्ण। कमार, बैगा तथा पहाड़ी कोरवा का सर्वेक्षण जारी है।
2 अनुसूचित जाति का सर्वेक्षण। राज्य के सफाई कामगार परिवारों (9996) का सर्वेक्षण कार्य पूर्ण। प्रतिवेदन तैयार किया जा रहा है।
3 अनुसूचित जनजातियों के सामाजिक, सांस्कृतिक अनुसंधान। विशेष पिछड़ी जनजाति बिरहोर, कमार एवं बैगा का सामाजिक, सांस्कृतिक अनुसंधान कार्य किया जा रहा है।
4 प्रशि‍क्षण कार्य। वर्ष 2005-06 में जाति प्रमाण- पत्र जारी करने वाले अधिकारियों के लिए 3 दिवसीय 6 प्रशिक्षण सत्र आयोजित किये जाकर 93 अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया।
5 जाति प्रमाण-पत्रों की जांच। 217 पंजीकृत प्रकरणों में से 44 प्रकरणों में जांच कार्य पूर्ण। शेष प्रकरणों में जांच प्रक्रियाधीन है।

विजिलेन्स सेल:-

जाति प्रमाण पत्रों की छानबीन हेतु आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के अधीन विजिलेन्स सेल का गठन किया गया है।

सूचना पट्ट