विभागीय योजनाऐं

हाजी हसन अली पुरस्कार

स्व0 हाजी हसन अली पुरस्कार वर्ष- 2024 के लिए प्रविष्टियॉ आमंत्रित
    उर्दू साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले व्यक्ति को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा स्व. हाजी हसन अली पुरस्कार दिया जाता है। यह पुरस्कार प्रतिवर्ष छत्तीसगढ़ राज्य के निवासी/कार्यरत् ऐसे व्यक्ति को प्रदान किया जाता है, जिसने प्रादेशिक स्तर पर उर्दू साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया हो।
2/    सम्मान का स्वरूप:-     यह पुरस्कार जूरी के निर्णयानुसार एक व्यक्ति को प्रदान किया जा सकेगा। पुरस्कार में राशि रू. 1.00 लाख नगद और प्रषस्ति पत्र प्रदान किया गया था। कार्यालयीन पत्र क्रमांक/अ.स./05 पार्ट-02/2024-25/5322 नवा रायपुर दिनांक 31.08.2024 के द्वारा बिन्दु क्रमांक-02 सम्मान का स्वरूप स्व0 हाजी हसन अली पुरस्कार वर्ष- 2024 की राशि रू. 1.00 लाख नगद अंकित है को संशोधित करते हुये राशि रू. 2.00 लाख की गई है।
3/    आवेदन/प्रविष्टियॉ भेजने की समयावधि:-
3.1    पुरस्कार के लिए आवेदन पत्र/प्रविष्टियॉ बंद लिफाफे में स्वयं उपस्थित होकर अथवा डाक द्वारा  कार्यालय सचिव, छ.ग. राज्य उर्दू अकादमी पुराना आर.डी.ए. बिल्डींग के सामने रायपुर में प्रस्तुत किया जा सकता है, निर्धारित तिथि तथा समयावधि पश्चात् प्राप्त प्रविष्टियॉ/आवेदन पर विचार किया जाना संभव नहीं होगा। डाक संबंधी विलम्ब के लिए कार्यालय उत्तरदायी नहीं होगा।
3.2    पुरस्कार के नियम कार्यालय आयुक्त, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास, इन्द्रावती भवन नवा रायपुर अटल नगर से निः शुल्क प्राप्त किये जा सकते है।
3.3    प्रविष्टियॉ/आवेदन पत्र लिफाफे पर ‘‘स्व. हाजी हसन अली पुरस्कार वर्ष 2024 अंकित करना होगा।
4/    प्रविष्टियॉ/आवेदन के लिए मापदण्ड:- पुरस्कार के लिए प्रविष्टियॉ/आवेदन निम्नांकित अपेक्षाओं की पूर्ति करते हुए प्रस्तुत किये जा सकते हैं:-
4.1    व्यक्ति का पूर्ण विवरण परिचय सहित।
4.2    उर्दू साहित्य के क्षेत्र में किये गये कार्यों की सप्रमाण विस्तृत जानकारी।
4.3    यदि पूर्व में कोई अन्य पुरस्कार प्राप्त किया हो, तो उसका विवरण।
4.4    स्वरचित साहित्य की अभिप्रमाणित छायाप्रति। 
4.5    उर्दू साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के संबंध में प्रख्यात पत्र/पत्रिकाओं, ग्रंथ के माध्यम से उपलब्ध साहित्य।
4.6    यदि आवेदक शासकीय कर्मचारी/अधिकारी है तो पूर्ण विवरण यथा पदनाम, कार्यरत् विभाग का नाम एवं कब से कार्यरत् है, स्पष्ट उल्लेख करें।
4.7    पुरस्कार के लिय चयन होने की दशा में पुरस्कार ग्रहण करने की लिखित सहमति।
4.8    प्रविष्टि में दिये गये तथ्यों/निष्कर्षों/प्रमाणों का संपूर्ण उत्तरदायित्व प्रविष्टि प्रस्तुतकर्ता का रहेगा। इस मामले में राज्य शासन किसी भी विवाद में पक्ष नहीं माना जावेगा।

सम्मान/पुरस्कार

छ0ग0शासन, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग योजनांतर्गत शहीद वीर नारायण सिंह, स्व0 डॉ0 भंवर सिंह पोर्ते एवं गुरूघासीदास सामाजिक चेतना एवं अनुसूचित जाति उत्थान सम्मान पुरस्कार हेतु विज्ञापन के माध्यम से प्रविष्टियॉ आमंत्रित की जाती है। प्राप्त प्रविष्टियों के आधार पर विभाग द्वारा गठित निर्णायक मण्डल द्वारा पात्र व्यक्ति/संस्था का चयन कर पुरस्कृत किया जाता है। वर्ष 2023-24 में आदर्श आचार संहिता लगने के कारण कार्यवाही स्थगित रखी गयी है।

एकलव्य, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति उत्कर्ष योजना, विज्ञान विकास केंद्र, प्रयास
क्र. विभागीय योजनाए नियमावली
1 एकलव्य नियमावली
2 आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति उत्कर्ष योजना नियमावली
3 विज्ञान विकास केंद्र नियमावली
4 प्रयास आस्था नियमावली
  निष्ठा नियमावली
  प्रयास नियमावली 2017
  सहयोग नियमावली
डाॅ. भीमराव अंबेडकर जयंती योजना

डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयंती वर्ष 2007 संचालित है। योजनाअंतर्गत प्रत्येक वर्ष डॉ. भीमराव अम्बेकर जयंती 14 अप्रैल से 31 मई के मध्य कार्यक्रम आयोजन किये जाने का प्रावधान है। वर्ष 2023-24 विभागीय स्तर पर 14 अप्रैल 2023 को जिला मुख्यालय रायपुर के राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम आयोजन हेतु सहायक आयुक्त आदिवासी विकास जिला रायपुर को राशि रूपये 10.00लाख आबंटन उपलब्ध कराया गया है। 

गुरू घासीदास सामाजिक चेतना एवं अनुसूचित जाति उत्थान सम्मान पुरस्कार

छत्तीसगढ़ राज्य में सामाजिक चेतना जागृत करने तथा अनुसूचित जाति वर्गो के उत्थान के क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले व्यक्ति एवं स्वैच्छिक संस्थाओं को पुरस्कृत कर प्रोत्साहित करने के लिये प्रदेश के महान संत गुरूघासीदास की स्मृति में सम्मानित कर प्रोत्साहित किया जाता है। विगत 05 वर्षो में निम्नानुसार संस्था/व्यक्ति को पुरस्कृत किया गया है -

क्रमांक वर्ष पुरस्कृत संस्था का नाम
1 2019-20 गुरूघासी दास साहित्य एंव संस्कृति अकादमी न्यू राजेन्द्र नगर रायपुर
2 2020-21 निरंक 
3 2021-22 श्री पुरानिक लाल चेलक अध्यक्ष पंक्षी एवं साहित्य विकास समिति दुर्ग
4 2022-23 श्री खेमचंद भारती पिता स्व. श्री अकालूराम भारती ग्राम नाथुमवागांव पोस्ट तुमडीगाबोड डोंगरगांव जिला राजनांदगांव छ.ग.
निरंक
5 2023-24 निरंक 

 

स्व. डाॅ. भंवर सिंह पोर्ते स्मृति आदिवासी सेवा सम्मान पुरस्कार

छत्तीसगढ़ राज्य में आदिवासियों की सेवा करने और उनके उत्थान के क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले किसी एक संस्था को सम्मानित कर प्रोत्साहित किया जाता है। पुरस्कार राशि रू0 2.00 लाख एवं प्रशस्ति पत्र राज्योत्सव पर प्रत्येक वर्ष दिया जाता है। विगत 05 वर्षो में निम्नानुसार संस्था को पुरस्कृत किया गया है -

क्रमांक वर्ष पुरस्कृत संस्था का नाम
1 2019-20 अभ्यारण शिक्षण समिति छपरवा जिला मुंगेली
2 2020-21 शंभु शक्ति सेवा समिति जिला धमतरी
3 2021-22 जग्गो रायतार समाज कल्याण समिति जिला उ.बस्तर कांकेर
4 2022-23 संस्था आदिवासी बहुउद्देशीय सहकारी समिति मर्यादित रायपुर
5 2023-24 निरंक
 

 

शहीद वीरनारायण सिंह स्मृति सम्मान पुरस्कार

छत्तीसगढ़ राज्य में आदिवासी सामाजिक चेतना जागृत करने तथा उनके उत्थान के क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले व्यक्ति को पुरस्कृत किया जाता है। पुरस्कार राशि रू0 2.00 लाख एवं प्रशस्ति पत्र राज्योत्सव पर प्रत्येक वर्ष दिया जाता है। विगत 05 वर्षो में निम्नानुसार व्यक्तियों को पुरस्कृत किया गया है - 

सम्मान/पुरस्कार वर्ष सम्मान पुरस्कार ग्रहिताओं के नाम
शहीद वीर नारायण सिंह स्मृति सम्मान पुरस्कार 2019-20 श्री गंगाराम पैकरा लखनपुर जिला सरगुजा
2020-21 श्री रूपराय नेताम गट्टासिल्ली जिला धमतरी
2021-22 श्री जाकनी प्रसाद कुलस्त ग्राम लिमहा नवापारा जिला बिलासपुर
2022-23 श्री नारायण मरकाम ग्राम डोहलापारा केसकाल जिला कोण्डागंाव
2023-24 निरंक
गुरू घासीदास लोक कला महोत्सव

1.वित्तीय वर्ष 2007-08 से ‘‘गुरूघासीदास लोक कला महोत्सव’’ का आयोजन किया जा रहा है।
2.योजना का उद्देश्य अनुसूचित जाति के परम्परागत लोककला जैसे -पंथी, भरथरी, पंडवानी, पारम्परिक वाद्ययंत्रों को प्रोत्साहित किया जाना है।
3.इस योजना के अंतर्गत चयनित प्रथम पुरस्कार राशि रू0 1.00 लाख द्वितीय राशि  

गुरूघासी दास लोक कला महोत्सव अंतर्गत जिला स्तर से चयनित लोक कला दलों को राज्य के किसी भी जिले में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता आयोजन कर पुरस्कृत किया जाता है।

शहीद वीरनारायण सिंह लोक कला महोत्सव

शहीद वीरनारायण सिंह की स्मृति में उनके शहादत दिवस 10 दिसम्बर को शहीद वीरनारायण सिंह लोक कला महोत्सव का आयोजन प्रतिवर्ष उनके जन्म स्थान सोनाखान भवन जिला बलौदा बाजार में किया जाता है । इसके अंतर्गत आदिवासियों की लोक नृत्य प्रतियोगिता राज्य स्तर पर आयोजित की जाती है। 
1.प्रतियोगिता में सम्मिलित आदिवासी लोक कला दल को प्रथम पुरस्कार राशि रू0 1.00 लाख ,द्वितीय पुरस्कार राशि रू0 0.50 लाख तथा तृतीय पुरस्कार राशि 0.25 लाख दिया जाता है।
2.उपर्युक्त महोत्सव का उद्देश्य शहीद वीर नारायण सिंह की शहादत को चिरस्मरणीय बनाना तथा आदिवासी लोक कला एवं संस्कृति को प्रोत्साहित करना है। 

रविदास चर्मशिल्प योजना

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आदिवासी संस्कृति का परिरक्षण एवं विकास योजनांतर्गत आदिवासी सांस्कृतिक दलों को सहायता

आदिवासी संस्कृति का परिरक्षण एवं विकास योजनांतर्गत आदिवासियों को सांस्कृतिक वाद्य यंत्र क्रय करने हेतु अनुदान स्वरूप प्रति दल राशि रू0 10,000/- दिये जाने का प्रावधान है। वर्ष 2023-24 में राशि रूपये 90.00 लाख का बजट प्रावधान है। वर्ष 2023-24 में योजना नियमानुसार निर्धारित लक्ष्य के विरूध्द 590 हितग्राहियों के लिए राशि रूपये 59.00लाख जिलो को आबंटन उपलब्ध कराया गया है। विगत 05 वर्षो में 2950 हितग्राहियों को लाभान्वित करने हुए राशि रूपये 295.00लाख व्यय किया गया है।

आदिवासी संस्कृति का परिरक्षण एवं विकास योजनांतर्गत देवगुड़ी निर्माण/मरम्मत

आदिवासी सांस्कृति का परिरक्षण एवं विकास योजनांतर्गत आदिवासी बाहूल्य क्षेत्रों में आदिवासियों के पूजा एवं श्रद्धा स्थलों (देवगुड़ी) के निर्माण एवं मरम्मत योजना वर्ष 2006-07 से संचालित हैं। योजनांतर्गत देवगुड़ी निर्माण/ मरम्मत हेतु वर्ष 2017-18 से प्रति देवगुड़ी राशि रू0 1,00000/- रूपये उपलब्ध करायी जाती थी। वर्ष 2021-22 में प्रति देवगुडी राशि रूपये 1,00,000/- के स्थान पर अधिकतम राशि रूपये 5,00,000/-प्रति देवगुडी शासन स्वीकृति प्रदाय की गई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में राशि रू0 800.00 लाख का बजट प्रावधान है, जिसके विरूध्द 473 देवगुडी स्वीकृत किया गया है। योजनांतर्गत विगत 05 वर्षो में कुल 2968 देवगुडी स्वीकृत किया गया है। विवरण निम्नानुसार है:-

क्रमांक वर्ष देवगुड़ी की संख्या प्रदत्त राशि(लाखों में)
1 2019-20 370 370
2 2020-21 280 280
3 2021-22 400 400
4 2022-23 1445 3775
5 2023-24 473 799
  Total 2968 5625
निःशुल्क वाहन चालक प्रशिक्षण योजना

अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कक्षा 8वीं उत्तीर्ण गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले व्यक्तियों को वाहन चालक का निःशुल्क प्रशिक्षण दिलाकर रोजगार उपलब्ध कराने हेतु वर्ष 2008-09 से प्रारंभ की गयी है। योजनांतर्गत चयनित अभ्यर्थियों को शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान माध्यम से प्रशिक्षण दिलाया जाता है। विगत वर्षो में अनुसूचित जाति वर्ग 735 एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के 1207 इस प्रकार कुल 1942 प्रशिक्षणार्थियों को लाभान्वित किया गया है।

हास्पिटालिटी एवं होटल मैनेजमेंट प्रशिक्षण

राज्य शासन द्वारा अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग की छात्र/छात्राओं को एयर होस्टेस, एविएशन, हॉस्पिटालिटी तथा होटल मैनेजमेंट डिप्लोमा प्रशिक्षण योजना वर्ष 2006-07 से प्रारंभ की गयी थी। वर्ष 2013-14 यथा संशोधित ‘‘हॉस्पिटालिटी एवं होटल मैनेजमेंट’’ अंतर्गत डिप्लोमा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। योजनांतर्गत प्रत्येक वर्ष कुल 100 अभ्यर्थियों को लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य है। विगत 05 वर्षो में अनुसूचित जाति के 374 एवं अनुसूचित जनजाति के 168 कुल 542 विद्यार्थियों को लाभान्वित किया गया है।

क्रमांक वर्ष वर्गवार विद्यार्थियों की संख्या योग
- - अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति  
1 2019-20 105 54 159
2 2020-21 113 45 158
3 2021-22 26 8 34
4 2022-23 76 24 100
5 2023-24 54 37 91
  Total 374 168 542

 

नर्सिंग पाठयक्रम में निःशुल्क अध्ययन सुविधा योजना

यह योजना वर्ष 2009-10 से प्रारंभ की गयी हैं। वर्ष 2012-13 में योजना नियम यथा संशाधित संचालित है। योजना अंतर्गत प्रतिवर्ष संचालक चिकित्सा शिक्षा के प्रावीण्य सूची के आधार पर अनुसूचित जाति वर्ग के 155 एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के 245 इस प्रकार कुल 400 विद्यार्थियों हेतु शैक्षणिक, छात्रावास एवं मेस शुल्क की राशि दिये जाने का प्रावधान है। योजनांतर्गत विगत 05 वर्षो में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के निम्नानुसार विद्यार्थियों को लाभान्वित किया गया है।

क्रमांक वर्ष वर्गवार विद्यार्थियों की संख्या योग
- - अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति  
1 2019-20 220 329 549
2 2020-21 253 365 618
3 2021-22 288 497 785
4 2022-23 329 480 809
5 2023-24 315 416 731
  Total 1405 2087 3492

 

अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति-विभागीय योजनाऐं

अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के कल्याण हेतु आयुक्त आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्प संख्यक कल्याण विकास विभाग से विभिन्न कल्याणकारी विकासशील कार्यक्रम संचालित किये जाते हैं। विभागीय कार्यक्रमों में शैक्षणिक योजनाऐं प्रमुख है। विभाग द्वारा अनुसूचित जनजाति उपयोजना क्षेत्र/अनुसूचित क्षेत्रों में शालाओं के संचालन के साथ विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्तियों का वितरण, आवासीय संस्थाओं का संचालन के साथ विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्तियों का वितरण, आवासीय संस्थाओं का संचालन एवं शैक्षणिक प्रोत्साहन देने वाली योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता है। विभाग द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के परिवारों के लिये आर्थिक सहायता एवं सामाजिक विकास की योजनाऐं भी संचालित की जा रही हैं।

एकलव्य

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय

संविधान के अनुच्छेद 275(1) के अंतर्गत भारत सरकार,जनजातीय कार्य मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा प्राप्त अनुदान राशि से प्रदेश में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित है। अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्वक शिक्षा उपलब्ध कराकर सामान्य जाति के विद्यार्थियों के समकक्ष लाना, उनमें प्रतिस्पर्धा की भावना जागृत कर परीक्षाओं में सफल करने के उद्देश्य से एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय प्रारंभ किए गए है।

वर्तमान में 02 कन्या तथा 06 बालक एवं 17 संयुक्त इस प्रकार कुल 25 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय प्रदेश में विभिन्न जिलों में संचालित किए जा रहे है। इन विद्यालयों में कक्षा 6वीं से 12वीं तक 60 सीटर प्रति कक्षा के मान से प्रत्येक विद्यालय में 420 बच्चों को प्रवेश देने का प्रावधान है। वर्तमान में कुल 5315 विद्यार्थी अध्ययनरत है। वर्तमान में छ0ग0 बोर्ड के पाठ्यक्रम अनुसार अध्यापन कराया जा रहा है। वर्ष 2017-18 से नवीन 09 विद्यालयों में कक्षा 6वीं से नव प्रवेशित विद्याार्थियों को सीबीएसई पाठ्यक्रम में अध्यापन कराये जाने की योजना है।

वर्तमान में 25 एकलव्य आवासीय विद्यालय संचालित है जिसका विवरण निम्नानुसार हैः-

क्र. संस्था का नाम प्रारंभ वर्ष स्वीकृत शीट भरे सीट
1 एकलव्य आवासीय विद्यालय करपावण्ड, बस्तर 2005-06 420 368
2 एकलव्य आवासीय विद्यालय अंतागढ़, जिला-कांकेर 2005-06 420 395
3 एकलव्य आवासीय विद्यालय मैनपाठ, जिला- सरगुजा 2005-06 420 329
4 एकलव्य आवासीय विद्यालय शिवप्रसाद नगर, सूरजपुर, जिला-सूरजपुर 2005-06 420 383
5 एकलव्य आवासीय विद्यालय छोटे मुड़पार रायगढ़, जिला-रायगढ़ 2005-06 420 370
6 एकलव्य आवासीय विद्यालय तरेगांव जंगल, जिला-कबीरधाम 2005-06 420 362
7 एकलव्य आवासीय विद्यालय सन्ना जिला-जशपुर 2005-06   408
8 एकलव्य आवासीय विद्यालय कटेकल्याण, जिला-दंतेवाड़ा 2005-06 420 362
9 एकलव्य आवासीय विद्यालय पेण्ड्री, जिला-राजनांदगांव 2011-12 420 391
10 एकलव्य आवासीय विद्यालय खड़गवां, जिला-कोरिया 2012-13 360 325
11 एकलव्य आवासीय विद्यालय भैरमगढ़, जिला-बीजापुर 2013-14 300 284
12 एकलव्य आवासीय विद्यालय कटघोरा, जिला-कोरबा 2013-14 360 320
13 एकलव्य आवासीय विद्यालय बेसोली (भानपुरी) जिला-बस्तर 2015-16 180 179
14 सहायक सांख्यिकी अधिकारी नारायणपुर, जिला-नारायणपुर 2016-17 120 108
15 एकलव्य आवासीय विद्यालय मरवाही, जिला-बिलासपुर 2016-17 120 119
16 एकलव्य आवासीय विद्यालय मर्दापाल, जिला-कोण्डागांव 2016-17 120 93
17 संयुक्त एकलव्य आवासीय विद्यालय डोंगरी, जिला-गरियाबंद 2017-18 60 60
18 संयुक्त एकलव्य आवासीय विद्यालय पथरीडीह, जिला-धमतरी 2017-18 60 60
19 संयुक्त एकलव्य आवासीय विद्यालय भिलवाडीह, जिला-बलरामपुर 2017-18 60 60
20 संयुक्त एकलव्य आवासीय विद्यालय सुकमा, जिला-सुकमा 2017-18 60 55
21 संयुक्त एकलव्य आवासीय विद्यालय झरनदल्ली, जिला-बालोद 2017-18 60 60
22 संयुक्त एकलव्य आवासीय विद्यालय सोनाखान, जिला-बलौदाबाजार 2017-18 60 60
23 संयुक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी महासमुन्द, जिला-महासमुंद 2017-18 60 60
24 संयुक्त एकलव्य आवासीय विद्यालय मुंगेली, जिला-मुंगेली 2017-18 60 60
25 संयुक्त एकलव्य आवासीय विद्यालय जांजगीर-चांपा, जिला-जांजगीर 2017-18 60 44
पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति

पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति

प्रदेश में अनुसूचित जाति/जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के दौरान आर्थिक सहयोग प्रदान करने के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना शासन द्वारा संचालित की जा रही है। छात्रवृत्ति का समय पर स्वीकृति एवं भुगतान सुनिश्चित करने एवं इसके मॉनिटरिंग करने में विभाग को अनेक कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था, इसके अतिरिक्त विद्यार्थियों एवं पालकों को समय पर एवं सही छात्रवृत्ति न मिलने की शिकायतें आती रहती थी। उपरोक्त समस्याओं के निराकरण हेतु वर्ष 2012-13 से पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति की पूरी प्रक्रिया का कम्प्यूटराइजेशन किया जाकर आनलाईन आवेदन एवं स्वीकृति की व्यवस्था के माध्यम से छात्रवृत्ति योजना को पारदर्शी बनाया गया है। इस हेतु विभागीय वेबसाइट https://postmatric-scholarship.cg.nic.in/ तैयार किया गया है। जिसमें विद्यार्थियां द्वारा प्रतिवर्ष नये आवेदन प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होगी। सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 10.03.2015 के द्वारा पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति अंतर्गत वर्ष 2015-16 से कक्षा 11वीं एवं 12वीं की छात्रवृत्ति का संचालन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा किया जाना है। कक्षा 12वीं से उच्चतर कक्षा में अध्ययनरत विद्यार्थियों हेतु छात्रवृत्ति संचालन का कार्य पूर्व की भांति विभाग द्वारा किया जा रहा है। यह छात्रवृत्ति अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति तथा पिछड़ा वर्ग के पात्र छात्र/छात्राओं को कक्षा 11 से स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम तक जिसमें मेडिकल तथा इंजीनियरिंग शिक्षा भी शामिल हैं, में अध्ययनरत विद्यार्थियों को प्रदान की जाती है। यह छात्रवृत्ति भारत सरकार के अनुदान एवं राज्य सरकार की निधि से प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान की जाती है। इस योजना में आय का बंधन है। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के पालक/अभिभावक की आय सीमा 2,50,000 से अधिक नहीं होना चाहिये। पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के पालक/ अभिभावक की वार्षिक आय 100000 रू. तक होने पर छात्रवृत्ति की पात्रता है। विगत तीन वर्षो के छात्रवृत्ति स्वीकृति एवं भुगतान का विवरण निम्नानुसार है :-:-

  एससी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति एसटी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति ओबीसी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति
साल छात्र राशि (लाखों में) छात्र राशि (लाखों में) छात्र राशि (लाखों में)
2021-22 62384 4445.99 82259
5529.11
176259 10271.60
2022-23 66739 6436.71 89879 7557.41 189184
-
12900.04
2023-24 59312 6233.01 77113 7189.68 169055
-
13117.75
छात्रवृत्ति दरें
अस्‍वच्‍छ धंधा छात्रवृत्ति

योजना क्रमाँक-3 अस्‍वच्‍छ धंधा छात्रवृत्ति

अस्वच्छ धंधों में लगे हुए परिवारों के बच्चों के लिये केन्द्र प्रवर्तित योजना अन्तर्गत विशेष छात्रवृत्ति अतिरिक्त रूप से देय होते हैं। कक्षा 1 से 10 तक के विद्यार्थियों को भारत सरकार द्वारा स्वीकृत निम्न दर अनुसार देय होती है:-

कक्षा छात्रावासी विद्यार्थी (प्रतिमाह) गैर छात्रावासी विद्यार्थी (प्रतिमाह)
1 से 2 - रू. 110 ( 10 माह हेतु 1100 रु. )
3 से 10 रू. 700 ( 10 माह हेतु 7000 रु. ) रू. 110 ( 10 माह हेतु 1100 रु. )

इसके अति‍रि‍क्त दिवा छात्रों/ छात्रावासी छात्रों को क्रमश: रुपये 750 तथा रुपये 1000 वार्षिक तदर्थ अनुदान दिया जाता ह। इस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2008 -09 में 18509 छात्र / छात्राओं के लिए राशि रूपये 202.74 लाख व्यय किये गए हैं।

छात्रावास एवं आश्रम अंतर्गत संचालित योजनाएं

    विभागीय छात्रावास-आश्रमों में संचालित योजनाओं की जानकारी 

  • छात्रावास:- प्रदेश में विभाग द्वारा अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति वर्ग एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के प्री. मैट्रिक छात्रावास-1675, पोस्ट मैट्रिक छात्रावास-457 इस प्रकार कुल 2132 छात्रावास संचालित है। जिसमें  स्वीकृत सीट 113482 है। 
  • आश्रम :-    प्रदेश में विभाग द्वारा अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति वर्ग 1225 आश्रम  संचालित है। जिसमें स्वीकृत सीट 84208 है। आश्रम में स्कूल के साथ-साथ आवासीय सुविधा प्रदान की जाती है।
  • उद्देश्य :- ’’छात्रावास/आश्रम’’ से तात्पर्य उन छात्रावास/आश्रमों से है जो कि आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा संचालित है, जैसे कि प्री.मैट्रिक/पोस्ट मैट्रिक छात्रावास, कर्मचारी पुत्र/पुत्री छात्रावास, आश्रम शाला एवं विशिष्ट संस्थाओं के साथ संलग्न छात्रावास इत्यादि। छात्रावास एवं आश्रमों में निवासरत विद्यार्थियों को निःशुल्क आवास, बिजली, पानी, पंलग-गददा, चादर, बर्तन एवं पुस्तकालय आदि की सुविधायें उपलब्ध करायी जाती है।
  • पात्रता:- ’’छात्र’’ से तात्पर्य उन बच्चों से है, जो किसी शासकीय अथवा मान्यता प्राप्त अशासकीय स्थानीय शैक्षणिक संस्था में अध्ययन कर रहे है एवं विभाग द्वारा संचालित छात्रावास/आश्रम में निवास के लिये          अनुमति प्राप्त हों।
  • आयु :-कक्षा 1लीं से लेकर स्नातकोत्तर की पढ़ाई अधिकतम 23 वर्ष तक पूर्ण होती है। ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे देर से स्कूल में प्रवेश लेते है। इसको दृष्टिगत् रखते हुए अधिकतम 25 वर्ष की उम्र तक छात्रों को ही छात्रावास में प्रवेश की पात्रता होगी।
  • शिष्यवृत्ति:-
  • उद्देश्य:-प्री. मैट्रिक छात्रावासों एवं आश्रमों में निवासरत विद्यार्थियां को मेस संचालन हेतु शिष्यवृत्ति की राशि वर्ष 2015-16 से ऑन लाईन के माध्यम से प्रदाय की जा रही है। विभाग द्वारा संचालित प्री मैट्रिक छात्रावासों एवं आश्रमों में प्रवेषित विद्यार्थियों को वर्ष 2023-24 से प्रतिछात्र प्रतिमाह षिष्यवृत्ति राषि रूपये 1500/- प्रदान किया जाता है। जिसमें कंडिका 1, 2 एवं 3 अनुसार देय शिष्यवृत्ति की कुल राशि में से 85 प्रतिशत राशि का उपयोग सामूहिक मेस एवं नाश्ता व्यय की प्रतिपूर्ति पर एवं शेष 15 प्रतिशत राशि का व्यय स्कूल बैग, पी.टी.शू, मोजा, स्वेटर, चप्पल, अंडर गारमेंट आदि व्यक्तिगत सामग्री पर किया जायेगा। वर्तमान में शिष्यवृत्ति का वितरण ऑन लाईन द्वारा किया जाता है। षिष्यवृत्ति की राषि राज्य स्तर से जिले के अधीक्षकों एवं छात्रावास नायक के संयुक्त खाते में हस्तांतरित किया जाता है। विद्यार्थियों के मासिक उपस्थिति तथा मेस डाइट चार्ट के आधार पर विद्यार्थियों को शिष्यवृत्ति भुगतान किया जाता है। इस प्रक्रिया से समय की बचत तथा पारदर्शिता आई है। 
  • पात्रता:- प्री.मैट्रिक स्तर के छात्रावास/आश्रमों में निवासरत विद्यार्थियों को पात्रता होगी।
  • खाद्यान्न सुरक्षा योजना :-
  •  उद्देश्य :- छत्तीसगढ़ राज्य खाद्यान्न सुरक्षा योजना वर्ष 2013 से प्रांरभ की गई है। उक्त योजना अन्तर्गत विभाग द्वारा संचालित अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग छात्रावास-आश्रमों में निवासरत विद्यार्थियों के साथ-साथ विशिष्ट संस्था/अशासकीय संस्थाओं में निवासरत विद्यार्थियों को भी रियायती दर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है। योजना अन्तर्गत वर्तमान में राशि रूपये 6.25/- के दर से प्रति विद्यार्थी प्रति माह 15 किलो के मान से छात्रावास अधीक्षक द्वारा चावल का उठाव किया जाता है। स्टेट पुल के चावल का उठाव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा निर्धारित दर लगभग राशि रूपये 28/- से 30/- का भुगतान विभाग द्वारा किया जाता है। 
  •    पात्रता:- छात्रावास/आश्रमों में निवासरत समस्त विद्यार्थियों को इसकी पात्रता होगी।
  •   छात्र भोजन सहाय योजना:-
  •   उद्देश्य:- भारत सरकार की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनांतर्गत छात्रों को छात्रावासी दर से छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है, जिनसे छात्रावासी विद्यार्थियों को ये छात्रवृत्तियां उनके मात्र भोजन की पूर्ति कर पाती है।छात्रावासी विद्यार्थियों के बढ़ते उम्र के अनुरूप संतुलित शारीरिक मानसिक विकास हेतु अतिरिक्त पोषण की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए विशेष पोषण आहार के लिए अतिरिक्त राशि प्रदाय करने के लिए छात्र भोजन सहाय योजना वर्ष 2005-06 से प्रारंभ की गई है।  व  इसके अंतर्गत वर्ष 2019-20 में प्रति विद्यार्थी प्रतिमाह 700/- रूपए उपलब्ध कराया जाता है। यह राशि पूर्व से प्राप्त हो रही छात्रवृत्ति के अतिरिक्त होती   है। वर्ष 2023-24 में राशि रूपये 700/- में वृद्धि करते हुये राशि रूपये 1200/- प्रतिमाह प्रति विद्यार्थी किया गया है।  
  • पात्रता:- पोस्ट मैट्रिक छात्रावासों में निवासरत विद्यार्थियों को इसकी पात्रता होगी।
  •  छात्रावासी विद्यार्थियों के लिए विशेष शिक्षण केन्द्र (ट्यूशन) योजना :-
  •  उद्देश्य:- दूरस्थ आदिवासी क्षेत्रों में कठिन विषयों के शिक्षकों का अभाव बना रहता है, जिसके कारण छात्रावास आश्रमों में निवासरत् विद्यार्थी कठिन विषयों में कमजोर रह जाते हैं, फलस्वरूप परीक्षा परिणाम अपेक्षित स्तर का नहीं रहता है। इस योजना द्वारा अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति के छात्रावासों/आश्रमों में रहने वाले विद्यार्थियों को निदानात्मक एव उपचारात्मक विशेष शिक्षण के माध्यम से कठिन विषयों जैसे-गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, वाणिज्य से संबंधित कमजोरी को दूर करने की सुविधा प्रदान की जाती है, जिससे इस वर्ग के छात्र/छात्राओं के परीक्षा परिणाम में गुणात्मक सुधार के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने योग्य बन सके, विशेष शिक्षण प्रदान करने हेतु 146 विकासखंडो पर विशेष शिक्षण केन्द्र योजना प्रारंभ की गई है। 
  • पात्रता:- छात्रावास/आश्रमों में निवासरत विद्यार्थियों को इसकी पात्रता होगी।
  • स्वस्थ तन स्वस्थ मन (स्वास्थ्य सुरक्षा) विशेष सेवायें हेतु योजना :-
  • उद्देश्य :- इस योजना अंतर्गत विभागीय छात्रावास एवं आश्रमों में निवासरत छात्र-छात्राओं के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण हेतु यह योजना वर्ष 2007-08 से लागू है इसके अंतर्गत अनुबंधित निजी चिकित्सकों द्वारा माह में दो बार विद्यार्थियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। अनुबंधित चिकित्सक को 50 सीटर रूपये 750/- प्रति भ्रमण एवं 100 सीटर छात्रावास/आश्रम तक के बच्चों का चिकित्सकीय परीक्षण हेतु रूपये 1200/- प्रति भ्रमण मानदेय दिया जाता है।
  • पात्रता:- छात्रावास/आश्रमों में निवासरत विद्यार्थियों को इसकी पात्रता होगी।
विद्यार्थी कल्याण योजना

योजना क्रमाँक-5 विद्यार्थी कल्याण योजना

इस योजना में गरीब अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को आकस्मिक चिकित्सा, गणवेश एवं उनकी विभिन्न रूचियों को प्रोत्साहन देने के लिये तथा व्यवसायिक संस्थाओं में प्रवेश के लिये रू.50 से लेकर रू.500 तक की सहायता दी जाती है।

अशासकीय संस्थाओं को अनुदान

 अशासकीय संस्थाओं को अनुदान

उद्देश्यः-छत्तीसगढ में अनुसूचित जनजातियों एव अनुसूचित जातियों के  आर्थिक, परंपरागत मूल संस्कृति, सामाजिक एवं शैक्षणिक उत्थान से संबंधित गतिविधियों में अशासकीय प्रयासों कों प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से अशासकीय संस्थाओं कों अनुदान सहायता स्वीकृत किया जाता है। इस हेतु “ अशासकीय संस्था अनुदान नियम 2006 “ बनाया गया है।

पात्रता :- अशासकीय संस्था अनुदान नियम 2006 के अनुसार।

नियम एवं शर्तेः-अशासकीय संस्था अनुदान नियम 2006 अंतर्गत ये नियम उन समस्त अशासकीय संस्थाओं को अनुदान सहायता दिये जाने हेतु लागू होंगें जो छत्तीसगढ राज्य में अनुसूचित जनजातियों एवं अनुसूचित जातियों के आर्थिक,परंपरागत मूल सांस्कृतिक,सामाजिक एवं शैक्षणिक उत्थान संबंधी गतिविधियों में रत हों।
        इसके अंतर्गत निम्नांकित 10 संस्थाओं की उनके द्वारा संचालित 89 प्रवृत्तियों के लिये राज्य शासन द्वारा प्रतिवर्ष अनुदान स्वीकृत किया जाता हैः-

अनुदान प्राप्त अशासकीय संस्थाओं द्वारा संचालित  संस्थाओं का विवरण

क्रमांक संस्था संख्या
1 छात्रावास 34
2 उचित मूल्य की दुकान 06
3 स्वास्थ्य केन्द्र 03
4 आरोग्य सेवा केन्द्र 06
5 अस्पृश्यता निवारण केन्द्र 03
6 बालवाड़ी 27
7 औषधालय 09
  योग 88

जिलावार अशासकीय संस्थाओं द्वारा संचालित प्रवृत्तियां एवं संस्थाएं

समिति का नाम जिला संचालित प्रवृत्तियों की संख्या
    छात्रावास बालवाड़ी औषधालय अन्य
सनातन संत समाज गहिरा सामरवार जशपुर बलरामपुर 2 - - -
रायगढ़ 2 - - -
जशपुर 5 - - -
म.प्र.वनवासी सेवा मंडल मंडला सरगुजा 1 1 1 -
बलरामपुर 2 2 2 -
सूरजपुर 2 - - -
कोरिया 1 1 1 -
बिलासपुर 1 - - -
जशपुर 3 3 1 -
कबीरधाम 1 - - -
सर्वोदय समिति सूरजपुर - 2 2 -
दीनदयाल वनवासी सेवा समिति मुगेली बिलासपुर कबीरधाम 1 - - -
मुंगेली 1 - - -
आर्य विद्यासभा सलखिया रायगढ़ - - - -
अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम जशपुर 5 - 1 धर्मार्थ -
रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर नारायणपुर - - 1 6 उचित मूल्य दुकान
रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर की सहयोगी संस्था विवेकानंद इंस्टीट्यूट आॅफ सोशल हेल्थ वेलफेयर एण्ड सर्विस(विश्वास) नारायणपुर - - - 03 स्वास्थ्य केन्द्र
माता रूक्मिणी सेवा संस्थान डिमरापाल बस्तर - 1 - -
नारायणपुर - 1 - 01 आरोग्य केन्द्र
कांकेर - 1 - 01 आरोग्य केन्द्र
दंतेवाड़ा - 1 - 01 आरोग्य केन्द्र
सुकमा - 1 - 01 आरोग्य केन्द्र
बीजापुर - 1 - 01 आरोग्य केन्द्र
रामकृष्ण शारदा सेवा आश्रम धरमपुरा बस्तर - - 1 -
महात्मा गांधी महिला एवं बाल कल्याण संस्थान बस्तर - 10 - -
हरिजन सेवक संघ रायपुर रायपुर 4 1 - 01 अ.नि.केन्द्र
रायगढ़ - - - 02 अ.नि.केन्द्र
बिलासपुर 1 - - -
मुंगेली 1 - - -
योग 34 27 09 18
महायोग 88

विगत दो वर्षों का प्रगति रिपोर्ट निम्नानुसार हैः-

वर्ष  प्रावघान (लाख में)
2022-23 1973.00
2023-24 1979.29
2024-25(01.06.2024 की स्थिति में) 2063.00

88

 

परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र

 

परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्र

छत्तीसगढ़ के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिभावान अभ्यर्थियों को एस.एस.सी., बैकिंग, रेल्वे एवं व्यापम जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु राज्य के प्रतिष्ठित निजी कोचिंग संस्थाओं के माध्यम से जिला रायपुर, बिलासपुर, जगदलपुर, कबीरधाम एवं नारायणपुर में प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
सीट लक्ष्य एवं अभ्यर्थियों के पात्रता हेतु अर्हताएं:-
योजना अंतर्गत प्रत्येक संस्थाओं के लिए 100-100 सीटें निर्धारित है। कोचिंग की अवधि 6-6 माह की होगी।
योजना अंतर्गत अनुसूचित जनजाति हेतु 50, अनुसूचित जाति हेतु 30 एवं अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु 20 सीटे निर्धारित है।
आवेदक की न्यूनतम आयु 20 वर्ष तथा अधिकतम आयु 30 वर्ष होनी चाहिए।
अभ्यर्थी छत्तीसगढ़ का मूल निवासी तथा छत्तीसगढ़ राज्य के लिए घोषित अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़़ा वर्ग की सूची में शामिल हो।
अभ्यर्थियों का चयन परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्र द्वारा प्राक्चयन परीक्षा के माध्यम से मेरिट के आधार पर किया जाता है।  

प्रशिक्षण हेतु चयनित अभ्यर्थियों को देय सुविधाएं:-

प्रशिक्षण हेतु चयनित/प्रवेशित अभ्यर्थियों को विभाग द्वारा चयनित कोचिंग संस्थाओं के माध्यम से प्रशिक्षण  प्रदान किया जाता है।
चयनित/प्रवेशित अभ्यर्थियों को प्रतिमाह राशि रूपये 1000/- शिष्यवृत्ति विभाग द्वारा योजना अंतर्गत उपलब्ध करायी जाती है।
चयनित तथा दूरस्थ क्षेत्र के अभ्यर्थियों को विभाग द्वारा उपलब्धता अनुसार छात्रावास की सुविधा प्रदान की जाती है।

वित्तीय वर्ष 2023-24 का प्रवेश संबंधी लक्ष्य एवं उपलब्धि:-          
 

योजना  वित्तीय भौतिक  
लक्ष्य उपलब्धि प्रवेश का लक्ष्य उपलब्धि
परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्र जिला रायपुर 41.30 33.75 200 200
परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्र जिला बिलासपुर 43.80 38.46 200 200
परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्र जिला जगदलपुर 55.90 26.21 200 200
परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्र जिला कबीरधाम 55.18 34.81 200 200
परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्र जिला नारायणपुर 58.78 55.80 200 200

 

 

 

 

 

 

 

प्रावीण्य छात्रवृत्ति योजना

योजना क्रमाँक-8 प्रावीण्य छात्रवृत्ति योजना

यह योजना अनुसूचित जाति/जनजाति के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को अधिकतम प्राविण्यता हासिल करने के लिये प्रोत्साहित करना है। यह छात्रवृत्ति माध्यमिक तथा हाई स्कूल स्तर पर दी जाती है। यह प्रावीण्य छात्रवृत्ति केवल उन विद्यार्थियों को ही नवीनीकृत होगी जिन्हें प्रथम प्रयास में ही परीक्षा उत्तीर्ण की है। इस छात्रवृत्ति के लिये कक्षा 5वीं तथा 8वीं की परीक्षा में कम से कम 45% अंक प्राप्त होने पर प्रावीण्यता क्रम के आधार पर दी जावेगी। यह छात्रवृत्ति लगातार उत्तीर्ण होने पर हाई स्कूल तक प्रदान की जाती है

विशिष्ट शैक्षणिक संस्थायें

योजना क्रमाँक-10 विशिष्ट शैक्षणिक संस्थायें

शिक्षा में गुणात्मक सुधार तथा प्रतिभावान आदिवासी बच्चों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिये आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कन्या शिक्षा परिसर एवं गुरूकुल विद्यालय स्थापित किये गये हैं। इसमें चयन कक्षा 5वीं, 6वीं एवं 10वीं बोर्ड के बोर्ड के प्राप्तांको के आधार पर संभागीय स्तर पर किया जाता है, वर्तमान में राज्य में आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय-05, कन्या शिक्षा परिसर-03, एवं गुरूकुल विद्यालय-01 संचालित हैं। इसके अतिरिक्त भारत सरकार, जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा प्रवर्तित 8 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय आदिवासी क्षेत्रों में वर्ष 2005-06 से संचालित हैं।

क्रीड़ा परिसर

क्रीड़ा परिसर

आदिवासी विद्यार्थियों की खेल प्रतिभा विकसित करने की दृष्टि से राज्य में 19 क्रीड़ा परिसर संचालित है। उक्त परिसर में चयन खेल विधाओं में प्रावीण्यता के आधार पर किया जाता है।

उद्देश्यः-    
    अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के खिलाड़ी विद्यार्थियों को शालेय शिक्षा के साथ-साथ विभिन्न खेलों में प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें विभिन्न स्तर की प्रतियोगिताओं में सफलता प्राप्त करने के उद्देश्य से शासन द्वारा विभागीय क्रीड़ा परिसर संचालित किये जा रहें हैं। जिसमें खिलाड़ी विद्यार्थियों द्वारा क्रीड़ा परिसर के छात्रावास में निवास कर विभाग द्वारा पदस्थ कोच एवं सहायक कोच से निर्धारित खेल विधाओं में मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण प्राप्त किया जा रहा है। 

संख्याः-
    वर्तमान में विभाग द्वारा 15 अनुसूचित जनजाति (08 बालक एवं 07 कन्या), 02 अनुसूचित जाति (01 बालक एवं 01 कन्या) एवं 02 अन्य पिछड़ा वर्ग (02 बालक) इस प्रकार कुल 19 क्रीड़ा परिसर प्रदेश में संचालित हो रहें हैं। प्रत्येक क्रीड़ा परिसर हेतु 100 सीट स्वीकृत किया गया है। 

चयन की प्रक्रियाः-
    क्रीड़ा परिसरों में विद्यार्थियों का चयन भारतीय खेल प्राधिकरण, पटियाला (साई) द्वारा निर्धारित 10 बैटरी टेस्ट के माध्यम से परिसरों में पदस्थ कोच/सहायक कोच एवं अन्य विशेषज्ञों के माध्यम से किया जाता है।

प्रदत्त सुविधाएंः-
    क्रीड़ा परिसरों में विद्यार्थियों को आवास, भोजन, पौष्टिक आहार, संपूर्ण खेल पोशाक (एक ट्रैक सूट, एक जोड़ी वार्मअप शू, दो जोड़ी मोजा एवं दो जोड़ी खेल पोशाक) आदि सुविधाएं प्रदान की जाती है। साथ ही अभ्यास एवं स्पर्धा के लिए आवश्यक खेल उपकरण तथा संसाधन प्रदाय किये जाते हैं। 

विभाग द्वारा संचालित क्रीड़ा परिसर

क्र. जिले का नाम परिसर का प्रकार  क्रीड़ा परिसर का नाम प्रशिक्षण खेल विधाएं
1 बालोद            बालक अनुसूचित जनजाति क्रीड़ा परिसर , डौण्डी  तीरंदाजी, एथलेटिक्स, थ्रोबॉल, कबड्डी, फुटबॉल
2 गरियाबंद          बालक    अनुसूचित जनजाति क्रीड़ा परिसर, गरियाबंद नेटबॉल, हॉकी, व्हालीवाल, बास्केटबाल, एथलेटिक्स
3 बस्तर       बालक   अनुसूचित जनजाति क्रीड़ा परिसर, धरमपुरा, जगदलपुर    तीरंदाजी, व्हालीवाल, कबड्डी, एथलेटिक्स, कुश्ती
4 बस्तर      कन्या   अनुसूचित जनजाति क्रीड़ा परिसर, धरमपुरा, जगदलपुर    तीरंदाजी, व्हालीवाल, हैण्डबॉल, कुश्ती, एथलेटिक्स
5 बस्तर         कन्या   अनुसूचित जनजाति क्रीड़ा परिसर, भानपुरी  कबड्डी, हैण्डबाल, नेटबॉल, एथलेटिक्स, व्हालीबॉल
6 नारायणपुर        बालक   अनुसूचित जनजाति क्रीड़ा परिसर, नारायणपुर   फुटबॉल, मलखम्ब, व्हालीबॉल, तीरंदाजी, एथलेटिक्स
7 जशपुर           बालक  अनुसूचित जनजाति क्रीड़ा परिसर, जशपुर  हॉकी, फुटबॉल, खो-खो, टेबल टेनिस, एथलेटिक्स
8 जशपुर            कन्या अनुसूचित जनजाति क्रीड़ा परिसर, जशपुर  खो-खो, हॉकी, फुटबॉल, सॉफ्टबॉल, एथलेटिक्स
9 गौरेला पेण्ड्रा मरवाही बालक        अनुसूचित जनजाति क्रीड़ा परिसर, पेण्ड्रा रोड़  फुटबॉल, जिम्नास्टिक, हैण्डबॉल, तीरंदाजी, एथलेटिक्स
10 मनेंद्रगढ चिरमिरी भरतपुर बालक     अनुसूचित जनजाति क्रीड़ा परिसर, मनेन्द्रगढ़    सॉफ्टबॉल, हैण्डबॉल, हॉकी, फुटबॉल, एथलेटिक्स
11 मोहला मानपुर अंबागढ़ चैकी कन्या      अनुसूचित जनजाति क्रीड़ा परिसर, चौकी   तीरंदाजी, व्हालीबॉल, बास्केटबॉल, खो-खो, एथलेटिक्स
12 रायगढ़           कन्या अनुसूचित जनजाति क्रीड़ा परिसर, धरमजयगढ़  हैण्डबॉल, हॉकी, व्हालीबॉल, नेटबॉल, एथलेटिक्स
13 कांकेर          कन्या  अनुसूचित जनजाति क्रीड़ा परिसर, कांकेर   तीरंदाजी, कबड्डी, खो-खो, हैण्डबॉल, एथलेटिक्स
14 सरगुजा             कन्या अनुसूचित जनजाति क्रीड़ा परिसर, सरगुजा हॉकी, हैण्डबॉल, व्हालीबॉल, तैराकी, एथलेटिक्स
15 बलरामपुर           बालक   अनुसूचित जनजाति क्रीड़ा परिसर, वाड्रफनगर तीरंदाजी, कबड्डी, खो-खो, टेबल टेनिस, एथलेटिक्स
16 मुंगेली        बालक  अनुसूचित जाति क्रीड़ा परिसर, मुंगेली    तीरंदाजी, बेसबॉल, बास्केटबाल, व्हालीबॉल, एथलेटिक्स
17 सक्ती        कन्या   अनुसूचित जाति क्रीड़ा परिसर, हसौद   खो-खो, हैण्डबॉल, व्हालीबॉल, एथलेटिक्स, साफ्टबॉल
18 रायपुर            बालक  अन्य पिछड़ा वर्ग क्रीड़ा परिसर, गोगांव, रायपुर खो-खो, वेटलिफ्टिंग, तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन
19 बिलासपुर        बालक    अन्य पिछड़ा वर्ग क्रीड़ा परिसर, बिलासपुर  कबड्डी, तैराकी, बैडमिंटन, फुटबॉल, एथलेटिक्स 

 

 

 

प्रशिक्षण सह उत्पादन केन्द्र

योजना क्रमाँक-12 प्रशिक्षण सह उत्पादन केन्द्र

अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के आर्थिक विकास के लिये प्रशिक्षण सह उत्पदन केन्द्रों में कम पढ़े लिखे युवाओं को एक वर्ष का प्रशिक्षण दिया जाता है। यह प्रशिक्षण बढ़ईगिरी, टेलरिंग, कुम्हार, हाथकरघा, टाटपट्टी निर्माण, बांस उद्योग और चर्म शिल्प में दिया जाता है। प्रशिक्षण अवधि में प्रति प्रशिक्षणर्थी पुरूष को रूपये 250/- तथा महिला को रूपये 260/- प्रतिमाह शिष्यवृत्ति और प्रशिक्षण के औजार उपकरण अनुदान के रूप में दिये जाते हैं। वर्तमान में राज्य में प्रशिक्षण के औजार उपकरण अनुदान के रूप में दिये जाते हैं। वर्तमान में राज्य में प्रशिक्षण सह उत्पादन केन्द्र सारंगगढ़, जशपुर, रिया, दन्तेवाड़ा, कांकेर, नगरी, और नारायणपुर में संचालित है।

अनुसूचि‍त जाति‍/जनजाति‍के ऐसे बच्‍चे जि‍न्‍होंने पढ़ाई छोड़ दी है और रोजगार करने के इच्छुक हैं, उन्हें उनकी योग्यता एवं इच्छा अनुसार उक्त संस्था द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है।

राज्य शासन के आदेश दिनांक 4.3.03 द्वारा उक्त केन्द्रों का विलय छत्तीसगढ़ राज्य अन्त्यावसायी, सहकारी, वित्त एवं विकास निगम में किया गया है तथा इस निगम में छत्तीसगढ़ राज्य अन्त्यावसायी उद्यमी प्रशिक्षण प्रभाग निर्मित कर योजना का पुन: संचालन किया जा रहा है।

नागरिक अधिकार एवं संरक्षण प्रकोष्ठ

योजना क्रमाँक-14 नागरिक अधिकार एवं संरक्षण प्रकोष्ठ

नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत प्रकरणों के निराकरण के लिये प्रदेश के पुराने जिलों से विशेष न्यायालय संचालित है। सम्प्रेरित अपराध एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति उत्पीड़न के प्रकरणों में त्वरित कार्यवाही के लिये विशेष थाने स्थापित किये गये हैं। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के अंतर्गत पंजीकृत प्रकरणों के निराकरण हेतु प्रदेश के समस्त जिला एवं सत्र न्यायधीशों को निर्देशित किया जाता है।

प्राधिकरण

आदिवासी एवं अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण

छ.ग. राज्य के गठन के तत्काल पश्चात् राज्य शासन द्वारा यह महसूस किया गया है कि राज्य के आदिवासी अंचल एवं अनुसूचित जाति बाहुल्य जनसंख्या वाले क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास के लिए विकास प्राधिकरण का गठन किया जाए। फलस्वरूप आदिवासी/अनुसूचित जाति अंचलों के विकास हेतु वर्ष 2004 में प्राधिकरणों का गठन किया गया था। छ.ग.शासन सामान्य प्रशासन विभाग का अधिसूचना दिनांक 20.06.2024 द्वारा प्राधिकरणों का पुनर्गठन किया गया है, जो निम्नानुसार है:-
अ. बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण
ब. सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण
स. मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण
द. अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण

 

उद्देश्य :- 

आदिवासी विकास प्राधिकरणों के अंतर्गत प्राधिकरण क्षेत्र में निवासरत जनजाति समुदाय के विकास हेतु अल्पकालिक और दीर्घकालिक योजनाओं के निर्माण एवं क्रियान्वयन की समीक्षा तथा अनुश्रवण किया जाना है। क्षेत्र में निवासरत जनजाति समुदायों के आर्थिक विकास, संस्कृति के संरक्षण, क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम तथा अंचल के विकास हेतु प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार लाने हेतु कार्यवाही सुनिश्चित किया जाना है। इसी प्रकार अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के अंतर्गत प्राधिकरण क्षेत्र में निवासरत अनुसूचित जाति समुदाय के विकास हेतु अल्पकालिक और दीर्घकालिक योजनाओं के निर्माण एवं क्रियान्वयन की समीक्षा तथा अनुश्रवण किया जाना है। क्षेत्र में निवासरत अनुसूचित जाति समुदायों के आर्थिक विकास, संस्कृति के संरक्षण, क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम तथा अंचल के विकास हेतु प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार लाने हेतु कार्यवाही सुनिश्चित किया जाना है।
आदिवासी एवं अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण
छ.ग. राज्य के गठन के तत्काल पश्चात् राज्य शासन द्वारा यह महसूस किया गया है कि राज्य के आदिवासी अंचल एवं अनुसूचित जाति बाहुल्य जनसंख्या वाले क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास के लिए विकास प्राधिकरण का गठन किया जाए। फलस्वरूप आदिवासी/अनुसूचित जाति अंचलों के विकास हेतु वर्ष 2004 में प्राधिकरणों का गठन किया गया था। छ.ग.शासन सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक/एफ 4-1 /2019/एक/6, अटल नगर रायपुर दिनांक 27.02.2019 के द्वारा विभिन्न प्राधिकरणों  का पुनर्गठन एवं छ.ग.शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक/एफ-4-3/ 2020/एक/06, अटल नगर रायपुर दिनांक 26.08.2020 द्वारा अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण का पुनर्गठन किया गया है, जो निम्नानुसार है :-

गठन एवं विस्तार :- 
अ. बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण
ब. सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण
स. मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण
द. अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण

 उद्देश्य :-   आदिवासी विकास प्राधिकरणों के अंतर्गत प्राधिकरण क्षेत्र में निवासरत जनजाति समुदाय के विकास हेतु अल्पकालिक और दीर्घकालिक योजनाओं के निर्माण एवं क्रियान्वयन की समीक्षा तथा अनुश्रवण किया जाना है। क्षेत्र में निवासरत जनजाति समुदायों के आर्थिक विकास, संस्कृति के संरक्षण, क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम तथा अंचल के विकास हेतु प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार लाने हेतु कार्यवाही सुनिश्चित किया जाना है। इसी प्रकार अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के अंतर्गत प्राधिकरण क्षेत्र में निवासरत अनुसूचित जाति समुदाय के विकास हेतु अल्पकालिक और दीर्घकालिक योजनाओं के निर्माण एवं क्रियान्वयन की समीक्षा तथा अनुश्रवण किया जाना है। क्षेत्र में निवासरत अनुसूचित जाति समुदायों के आर्थिक विकास, संस्कृति के संरक्षण, क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम तथा अंचल के विकास हेतु प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार लाने हेतु कार्यवाही सुनिश्चित किया जाना है।
गठन एवं विस्तार :- 
बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण ‘ः-  
   बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण का कार्य क्षेत्र बस्तर संभाग के राजस्व जिले क्रमशः- बस्तर, कोंडागांव, दक्षिण बस्तर दन्तेवाड़ा, उत्तर बस्तर कांकेर, नारायणपुर, बीजापुर, एवं सुकमा है। 
बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में पूंजीगत एवं राजस्व मद मिलाकर कुल राशि रू. 7300.00 लाख प्रावधान किया गया है। 
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सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण :-   
  सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण का कार्य क्षेत्र सरगुजा संभाग के सम्पूर्ण राजस्व जिले क्रमशः- सरगुजा, सूरजपुर, बलरामपुर-रामानुजगंज, जशपुर, कोरिया एवं मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिला है। 
सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में पूंजीगत एवं राजस्व मद मिलाकर कुल राशि रू. 5000.00 लाख प्रावधान किया गया है।

मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण :-   
  मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण का कार्य क्षेत्र सम्पूर्ण राजस्व जिला कोरबा, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी के अतिरिक्त जिला क्रमशः- गरियाबंद, धमतरी, महासमुन्द, बलौेदाबाजार-भाटापारा, सारंगढ़-बिलाईगढ़, बालोद, राजनांदगांव, खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई, कबीरधाम, मुंगेली, बिलासपुर, रायगढ़ एवं सक्ती के अंाशिक क्षेत्र जो आदिवासी उपयोजना क्षेत्र (यथा-एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना क्षेत्र, माडा पॉकेट, लघु अंचल) में सम्मिलित है। इसके अतिरिक्त अनुसूचित क्षेत्र से भिन्न अनुसूचित जनजाति बाहुल्य ग्राम/बस्तियों के मजरा, टोला, पारा, मोहल्ला एवं नगरीय क्षेत्र के वार्ड में स्थित पारा-मोहल्ला जहॉ अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 25 प्रतिशत से अधिक हों सम्मिलित होंगे।
मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में पूंजीगत एवं राजस्व मद मिलाकर कुल राशि रू. 4900.00 लाख प्रावधान किया गया है। 
अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण :- 
   अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण का कार्य क्षेत्र सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य है। जिसमें अनुसूचित जाति बाहुल्य जिले जांजगीर-चांपा, सक्ती, बिलासपुर, मुंगेली, रायपुर, बलौदाबाजार-भाटापारा, गरियाबंद, रायगढ़, सारंगढ़-बिलाईगढ़, दुर्ग, बेमेतरा, बालोद, कबीरधाम, महासमुन्द, राजनांदगांव, खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई, धमतरी शामिल है। इसके अतिरिक्त अन्य जिलों के अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्राम/बस्तियों के मजरा, टोला, पारा, मोहल्ला एवं नगरीय क्षेत्र के वार्ड में जहॉं अनुसूचित जाति की जनसंख्या 25 प्रतिशत से अधिक हो सम्मिलित होंगे। 
अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में पूंजीगत एवं राजस्व मद मिलाकर कुल राशि रू. 5000.00 लाख प्रावधान किया गया है।
 

सूचना पट्ट