विभाग के निगम/आयोग/संगठन

छत्तीसगढ़ आदिवासी मंत्रणा परिषद का गठन

अनुसूचित जनजाति से संबंधित नीति विषयक अनुशंसा हेतु आदिवासी मंत्रणा परिषद का गठन छत्तीसगढ़ शासन द्वारा किया गया है। परिषद के अध्यक्ष माननीय मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ शासन तथा सदस्य माननीय मंत्री, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग है। जनजाति के विधायकगण परिषद के सदस्य मनोनीत किये गये हैं। मंत्रणा परिषद की बैठक में अनुसूचित जाति, जनजाति से संबंधित कई छोटी-बड़ी समस्याओं से संबंधित व नीतिगत निर्णय/अनुशंसायें की गई है।

अनुसूचित जनजाति आयोग

छत्तीसगढ़ राज्य में अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग का गठन किया गया है। गठन की अधिसूचना सामान्य प्रशासन विभाग के अधिसूचना क्रमांक 186/2000, दिनांक 12.11.2000 द्वारा जारी की गयी है। राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग अधिनियम-1995 के प्रावधानों के अनुसार तीन सदस्यीय आयोग गठित है। वर्तमान में आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्य का पद रिक्त है। 

आयोग के दायित्व:-

  1. अनुसूचित जाति जनजातियों से संबंधित सामाजिक, आर्थिक, विकास के कार्यो का गुणात्मक मूल्यांकन करना।
  2. अनुसूचित जनजातियों के हित संवर्धन के लिये उपयुक्त नीतिगत् अनुशंसाएं करना।
  3. स्वप्ररेणा से अनुसूचित जनजातियों से संबंधित किन्हीं भी मामलों का संज्ञान लेकर व इसके निष्कर्षों से शासन को अवगत करना।
राज्य अनुसूचित जाति आयोग

राज्य में अनुसूचित जाति के हित प्रहरी के रूप में कार्य करने हेतु अनुसूचित जाति आयोग का गठन किया गया है। वर्तमान में आयोग के अध्यक्ष माननीय श्री रामजी भारती पदस्थ है। एवं सदस्य का पद रिक्त है। 

राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग

अन्य पिछड़ा वर्ग के जातियों के सतत् पहचान ,खोजबीन तथा फर्जी जाति प्रमाण पत्र को निरस्त करने, शासकीय सुविधाओं का लाभ प्रदान करने के लिए सुझाव देने तथा इस वर्ग के हित प्रहरी के रूप में कार्य करने हेतु छ0ग0 राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग 1995 के प्रावधान अनुसार अध्यक्ष पद पर डाॅ. श्री सियाराम साहू पदस्थ हैं। एवं सदस्य का पद रिक्त है। 

छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग

छत्तीसगढ़ शासन आदिम जाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग मंत्रालय के आदेश क्रमांक डी-1932/2717/आ.जा.क्रं -/2001, रायपुर दिनांक 12.07.2001 द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य अल्प संख्यक आयोग का गठन 12 जुलाई 2001 से किया गया है। राज्य के अधीन अल्पसंख्यकों को संवैधानिक प्रगति का मूल्यांकन, अल्पसंख्यक के विरूद्ध किसी भेदभाव के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं का अध्ययन, दूर करने के उपाय, अल्पसंख्यकों के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक विषयों अध्ययन, अनुसंधान, विश्लेषण के उद्देश्य के लिए राज्य अल्पसंख्यक आयोग नियम 1996 की धारा-3 (2) के तहत अध्यक्ष एवं सदस्य का पद स्वीकृत है। जिसमें अध्यक्ष श्री महेन्द्र छाबड़ा जीे को मनोनीत किया गया है। तथा दो सदस्य श्री हफीज खान एवं श्री अनिल जैन को मनोनयन किया गया हैं।

हज कमेटी

हज कमेटी एक्ट 2002 के प्रावधान अनुसार राज्य मे हज समिति गठित है। हज कमेटी का मुख्य कार्य प्रदेश के हज यात्रियों के लिए संपूर्ण व्यवस्था करना, सेंट्रल हज कमेटी एवं विदेश मंत्रालय भारत सरकार से समय≤ पर प्राप्त निर्देशों के अनुरूप हज या़ित्रयों की व्यवस्था हज यात्रियों के आवेदन प्राप्त करना, पंजीयन, चयन, प्रशिक्षण, टीकाकरण, पासपोर्ट आदि तैयार करवाना है। कमेटी अंतर्गत 11 सदस्यों का मनोनयन किया गया हैं, जिसमें श्री मो0असलम खान,अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचित किए गए हैं।

वक्फ बोर्ड

वक्फ बोर्ड अधिनियम 1995 के प्रावधान अनुसार छ.ग. राज्य वक्फ बोर्ड का गठन किया गया है। वक्फ बोर्ड का मुख्य कार्य मस्जिद, मदरसा, कब्रिस्तान व दरगाह, ईदगाह की देखरेख, केन्द्रीय वक्फ बोर्ड अधिनियम-1995 के तहत निर्देशों का पालन मुतवल्लियों का चुनाव सम्पन्न करना। वक्फ बोर्ड में अध्यक्ष के पद पर माननीय सलाम रिजवी एवं 05 सदस्य है। 

राज्य उर्दू अकादमी

 

राज्य शासन की अधिसूचना दिनांक 01.10.2003 द्वारा उर्दू अकादमी का गठन किया गया है। अकादमी का कार्य छ0ग0 राज्य में उर्दू भाषा, तालिम एवं उर्दू साहित्य के प्रोत्साहन संरक्षण के लिए आवश्यक प्रयत्न करना, नए रचनात्मक/आलोचनात्मक उर्दू साहित्य प्रकाशन, साहित्य सम्मेलन, परिचर्चा, गोष्ठियों, बीमार लेखकों को माली मदद करना आदि है। वर्तमान में अध्यक्ष एवं सदस्य का पद रिक्त हैं। 

आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशि‍क्षण संस्थान

भारत सरकार के प्रथम पंचवर्षीय योजना निर्माण के समय अनुसूचित जनजातियों, अनुसूचित जातियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति, रीति-रिवाज, रहन-सहन तथा अन्य सांस्कृतिक व अनुसंधानिक तथ्यों के अभाव में इन वर्गों के विकास हेतु योजना निर्माण में कठिनाईयों के फलस्वरूप भारत सरकार द्वारा वर्ष 1954 में अविभाजित मध्यप्रदेश, उड़ीसा, बिहार एवं पश्चिम बंगाल राज्य सरकारों को केन्द्र प्रवर्तित योजनान्तर्गत आदिमजाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करने के निर्देश दिये थे।
 राज्य में आदिवासियों की जनसंख्या के दृष्टिगत भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय की अनुशंसा अनुरूप राज्य शासन द्वारा केन्द्र प्रवर्तित योजनान्तर्गत देश की 15 वें आदिमजाति अनुसंधान संस्थान की स्थापना 02.09.2004 को राज्य में की गई। 
आदिमजाति अनुसंधान संस्थान के प्रमुख कार्य निम्नांकित है:-

  • अनुसूचित जनजातियों संबंधी आधारभूत सामाजिक-आर्थिक एवं सांस्कृतिक अध्ययन एवं सर्वेक्षण करना।
  • अनुसूचित जनजातियों में व्याप्त समस्याओं का अध्ययन कर इनके निराकरण हेतु शासन को सुझाव देना।
  • आदिवासी संस्कृति का संरक्षण।
  • अनुसूचित जनजातियों के विकास हेतु शासन द्वारा संचालित योजनाओं का मूल्यांकन करना।
  • अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करने संबंधी प्राप्त अभ्यावेदनों के संदर्भ में जातियों का इथनोलाजिकल, एन्थ्रोपोलाॅजिकल परीक्षण कर शासन को अभिमत देना।
  • अनुसूचित जनजातियों की समस्याओं के निराकरण हेतु देश के प्रमुख विषय-विशेषज्ञों को आमंत्रित कर राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला एवं संगोष्ठियों का आयोजन करना।
  • आदिवासी हितों के संरक्षण हेतु बनाये गये विभिन्न अधिनियमों तथा जनजातीय विकास से संबंधित कार्यक्रमों की जानकारी देने  हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करना आदि।

गतिविधियों एवं उपलब्धि का विवरण निम्नानुसार है:-

क्रमांक गतिविधियाँ उपलब्धि
1 अनुसूचित जनजातियों के सामाजिक, आर्थिक सर्वेक्षण। विशेष पिछड़ी जनजाति बिरहोर, का सर्वेक्षण कार्य पूर्ण। कमार, बैगा तथा पहाड़ी कोरवा का सर्वेक्षण जारी है।
2 अनुसूचित जाति का सर्वेक्षण। राज्य के सफाई कामगार परिवारों (9996) का सर्वेक्षण कार्य पूर्ण। प्रतिवेदन तैयार किया जा रहा है।
3 अनुसूचित जनजातियों के सामाजिक, सांस्कृतिक अनुसंधान। विशेष पिछड़ी जनजाति बिरहोर, कमार एवं बैगा का सामाजिक, सांस्कृतिक अनुसंधान कार्य किया जा रहा है।
4 प्रशि‍क्षण कार्य। वर्ष 2005-06 में जाति प्रमाण- पत्र जारी करने वाले अधिकारियों के लिए 3 दिवसीय 6 प्रशिक्षण सत्र आयोजित किये जाकर 93 अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया।
5 जाति प्रमाण-पत्रों की जांच। 217 पंजीकृत प्रकरणों में से 44 प्रकरणों में जांच कार्य पूर्ण। शेष प्रकरणों में जांच प्रक्रियाधीन है।

विजिलेन्स सेल:-

जाति प्रमाण पत्रों की छानबीन हेतु आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के अधीन विजिलेन्स सेल का गठन किया गया है।

छत्तीसगढ़ राज्य अन्त्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम

छत्तीसगढ़ राज्य अन्त्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम, रायपुर का गठन मध्यप्रदेश सहाकारी सोसायटी (पुनर्गठन और निर्माण) अध्यादेश क्रमांक-2000 (मध्यप्रदेश अध्यादेश क्रमांक-04 सन्-2000) के अन्तर्गत किया गया है। यह निगम अनुसूचित जाति वर्ग के साथ-साथ अनुसूचित जनजाति तथा पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग तथा सभी वर्गों के विकलांगों के आर्थिक विकास के दायित्व का निर्वहन कर रहा है। राज्य शासन द्वारा प्रदेश के युवा बेरोजगारों को प्रशिक्षण हेतु उद्यमी विकास संस्थान की समस्त इकाई एवं प्रशिक्षण सह-उत्पादन केन्द्रों का विलय इस निगम में कर दिया गया है। इस निगम की पूंजी का 51 प्रतिशत राज्य की अंशपूंजी हिस्सा एवं 49 प्रतिशत केन्द्रीय अंशपूंजी हिस्सा है। निगम द्वारा छ.ग. राज्य के निर्धारित मापदण्ड में आने वाले हितग्राही क्रमश: अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, विकलांग वर्ग, अल्पसंख्यक व सफाई कामगार वर्ग के आर्थिक उत्थान में वित्तीय ऋण सहायता निर्धारित प्रक्रिया के अन्तर्गत दी जाती है।

छत्तीसगढ़ राज्य अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम की योजनाएं 

                                             प्रगति विवरण 2019-20

गतिविधियों एवं उपलब्धि का विवरण निम्नानुसार है:-

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                         

     क्र.   योजना का नाम भौतिक लक्ष्य उपलब्धि
    भौतिक लक्ष्य वित्तीय 
राशि
भौतिक उपलब्धि हितग्राही वित्तीय 
उपलब्धि

 
1 राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम द्वारा संचालित योजना 156 509.21 05 19.83
2 राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम द्वारा संचालित योजना 175 479.46 15 57.84
3 राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम द्वारा संचालित योजना 162 162.00 07 7.50
4 राष्ट्रीय सफाई कामगार वित्त एवं विकास निगम द्वारा संचालित योजना 360 266.00 - -
5 अंत्योदय स्वरोजगार योजना 9000 900.00 1269 123.90
6 आदिवासी स्वरोजगार योजना 3000 300.00 666 58.40
7 व्यवसायिक प्रशिक्षण- (कम पढ़े-लिखे युवाओं का स्वरोजगार हेतु कौषल  उन्नयन) (अनुसूचित जनजाति वर्ग) 1650 297.00 - -
8 व्यवसायिक प्रशिक्षण- (कम पढ़े-लिखे युवाओं का स्वरोजगार हेतु कौषल  उन्नयन) (अनुसूचित जाति वर्ग) 750 112.50 - -
योग 15253 3026.17 1962 267.47

सूचना पट्ट